मन का मंत्र – Man Ko Control Kaise Kare

आज कल के इस भागदौड़ की जिंदगी में दोस्तों ज्यादातर लोग को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है उनका मन स्थिर नहीं रहता है किसी भी काम के ऊपर फोकस नहीं कर पाते है तो आज दोस्तों हम बात करने वाले है की अपने Man Ko Control Kaise Kare जिससे की आप अपना जीवन सफलता पूर्वक जी सके|

मन का मंत्र – Man Ko Control Kaise Kare

कहते हैं कि दुनिया में Man सबसे ज्यादा शक्तिशाली चीज होता है अगर किसी चीज को तुम पूरे मन से चाह लो तो तुम उसे हासिल कर सकते हो  ये  मैं नहीं कहता यह सभी महापुरुषों का कहना है लेकिन अगर यह सत्य है  ये  सच है तो हम जो अपने मन से चाहते हैं वह हमें हासिल क्यों नहीं होता है भाई कोई भी इंसान अपने मन में तो दुख नहीं चाहेगा लेकिन वो रहता तो दुखी है हर इंसान अपने मन से तो कामयाब होना चाहता है खूब पैसा कमाना चाहता है लेकिन फिर भी वह कामयाब नहीं होता भला ऐसा दुनिया में कौन इंसान होगा जो अपने मन में यह चाहेगा कि मैं नाकामयाब रहूं या मैं पैसा ना कमाऊं सोचने की बात है तो इसमें दो चीज निकल कर सामने आती है या तो वह महापुरुष गलत थे  जिन्होंने यह बात बोली कि मन से चाहे हुई चीज हासिल हो जाती है या फिर हम गलत हैं आज की पोस्ट में मै जो कहानी बताने वाला हूँ उसमें आपको एक ऐसा मंत्र मिलेगा उसे समझने के बाद आपको एक ऐसा मंत्र का पता चलेगा जिससे आप यह समझ पाएंगे कि अपने मन से कोई भी चीज कैसे करवाई जाती है मन में किसी भी बात का बीज कैसे बोया जाता है यह इस कहानी से आपको अच्छी तरह से समझ में आ जाएगा और इससे आप यह भी समझ पाएंगे कि आकर्षण का नियम Law of Attraction कैसे काम करता है कहानी छोटी सी है लेकिन बहुत ही गहरी है इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक पढ़ना तो ही आप अच्छे से इस कहानी का पूरा लाभ ले पायेंगें तो चलिए कहानी सुरु करता हूँ और समझते है कि मन का मंत्र है क्या और हम अपने Man Ko Control Kaise Kare |

Man Ko Control Kaise Kare

एक बार की बात है एक आदमी के जीवन में सिर्फ दुख ही दुख थे वह जो भी काम करता उस बेचारे का वह काम पूरा ही नहीं होता घर में आता तो घर में कलेश बना रहता किसी से कोई मदद मांगता तो कोई उसकी मदद नहीं करता ऐसा लगता था कि चारों तरफ से उसके ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है उसे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इन दुखों से कैसे पार पाऊं वह दिन रात यही सोचता रहता था कि अपने दुखों से छुटकारा कैसे पाना है इसी कारण से वह रात में सो भी नहीं पाता था उसकी आंखों के नीचे बड़े-बड़े काले घेरे बन गए थे जो इस बात का प्रतीक थे कि वह आदमी कितना दुख ही है और कितना चिंतित है कभी-कभी तो उसके मन में आत्महत्या करने के भी ख्याल आते थे लेकिन अपने परिवार की चिंता करके वह यह कदम नहीं उठा पाता वह इतना दुखी हो गया कि उसने निर्णय किया कि वह इन दुखों से छुटकारा पाकर ही रहेगा इसके लिए चाहे उसे कितनी ही मेहनत करनी पड़े कुछ भी करना पड़े चाहे अंगारों पर चलना पड़े लेकिन इन दुखों से छुटकारा हासिल करके रहेगा

 

ऐसे ही एक दिन उसने अपने मित्र से पूछा कि मैं अपने जीवन को कैसे सुधारें उसके मित्र ने उसे बताया कि तुम किसी बाबा के पास जाओ बाबाओं के पास ऐसा मंत्र होता है जिससे सारे दुख मिट जाते हैं जीवन खुशियों से भर जाता है और धनसंपदा भी हासिल होती है तुम किसी ऐसे बाबा को ढूंढ लो बस तुम्हारा काम बन जाएगा उस आदमी के मन में यह बात पूरी तरह से पक्की बैठ गई कि कोई बाबा ही मेरा दुख दूर कर सकता है

 

और इसीलिए उसे किसी भी बाबा के बारे में पता चलता तो वह उस बाबा के पास पहुंच जाता उस बाबा को अपनी समस्या बताता और उससे उसका समाधान पूछता और कहता कि बाबा मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरी इन समस्याओं से मुझे छुटकारा दिला दीजिए आप जो कहेंगे मैं वह करूंगा लेकिन मेरे जीवन को सुधार दीजिए बाबा उसे कुछ टोने टोटके बताते थे करने के लिए और बदले में दान दक्षिणा ले लेते थे कि यह टोना टोटका करने के बाद तुम्हारे घर में सुख शांति बनी रहेगी बस इस टोटके को पूरी विधि के साथ करना वह आदमी घर लौट कर पूरी विधि के साथ टोने टोटके करने लगा लेकिन बहुत टोने टोटके करने के बाद भी उसके जीवन में कुछ बदलाव नहीं आया इसके विपरीत उसका जीवन और ज्यादा दुखी हो गया जो भी बाबा उसे टोना टोटका देता था वह बदले में उससे दान दक्षिणा लेता था

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जिससे उसका धन भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा था इससे उसके जीवन में दुख और ज्यादा बढ़ गया तब उसे लगा कि बाबाओं के पास जाने से तो मेरे जीवन में दुख कम होने की वजह बढ़ते ही जा रहे हैं तो मुझे क्या करना चाहिए बाबाओं के पास जाऊं या ना जाऊं फिर एक दिन एक आदमी ने उसे बताया कि तुम अपने घर में किसी पंडित को बुलाकर हवन करवा लो हवन होगा घर शुद्ध हो जाएगा कोई भी बुरी ऊर्जा होगी घर में तो वह घर से बाहर चली जाएगी किसी पंडित को बुलाकर पूरे विधि-विधान उसे मंत्र उच्चारण कराओ हवन कराओ जिससे घर में सुख शांति आए उस आदमी के मन में यह बात बैठ गई और उसने एक पंडित को अपने घर पर बुलाकर हवन करवा दिया हवन अच्छी तरह से संपन्न हुआ बदले में पंडित ने भी अच्छी दान दक्षिणा ली और उसके बाद वह वहां से विदा हो गया लेकिन कुछ दिनों के बाद उस आदमी को महसूस हुआ कि उसके जीवन में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है

अब वह आदमी पूरी तरह से दुखी हो गया और ज्यादा परेशान हो गया अब तो उसे लगने लगा था कि मेरे जीवन में से दुख कभी खत्म ही नहीं होंगे और यही सोच सोच कर उस आदमी का बुरा हाल हो गया था फिर एक दिन उसे अपने मित्र से एक ऐसे बाबा के बारे में पता चला जो समाधान बताने के लिए कोई दान दक्षिणा नहीं लेता था

 

उस आदमी को लगा कि यह बाबा दूसरे बाबाओं की तरह नहीं हो सकता क्योंकि यह तो दान दक्षिणा लेता ही नहीं और अगर दान दक्षिणा नहीं लेता तो यह सच में कोई सिद्ध बाबा होगा और यही सोचकर वह उस बाबा के पास पहुंच जाता है जब वह आदमी वहां पर पहुंचता है तो वह बाबा ध्यान में बैठे हुए थे यह देखकर वह आदमी वहीं पर चुपचाप बैठ कर ध्यान से बाहर आने का उनका इंतजार करने लगा थोड़ी देर बाद बाबा ने आंखें खोली तो सामने एक दुखी और परेशान युवक को बैठे देखा उसकी आंखों के नीचे काले घेरे देख कर ही समझ गया कि यह आदमी अपने जीवन से कितना परेशान है उसे संबोधित करते हुए बाबा ने पूछा कि बच्चा क्या चाहते हो

 

बाबा के पास क्या लेने आए हो उस आदमी ने कहा कि बाबा मैं अपने जीवन से बहुत परेशान हूं मैंने इन दुखों को दूर करने के लिए बहुत सारे रास्ते अपनाए हर वो तरकीब करके देखें जो किसी बाबा ने मुझे बताई हर वो काम किया जो कोई भी इंसान ने मुझसे करने को कहा लेकिन मेरे जीवन में दुखों में कोई कमी नहीं आई बाबा इसके विपरीत मेरे जीवन में दुखों में बढ़ोतरी हो गई है मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं कभी-कभी तो मैं आत्महत्या करने की सोचता हूं लेकिन मैं अपने परिवार की सोच कर मैं यह कदम नहीं उठाता हूं मैंने आपके बारे में बहुत सुना है बाबा और मैं बहुत उम्मीद के साथ आपके पास आया हूं कृपया करके मुझे कोई ऐसा मार्ग बताएं जिससे मुझे अपने दुखों से छुटकारा मिल जाए मैं अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं आप मुझे कोई भी रास्ता बताएं चाहे वह रास्ता कितना ही कठिन क्यों ना हो मैं उसको पार करके रहूंगा बाबा ने महसूस किया कि आदमी तो सच में बहुत परेशान है बाबा ने उसकी बात सुनकर कहा कि बच्चा दुखों को दूर करने के लिए मंत्र ऐसे ही नहीं मिलते हैं मंत्र पाने के लिए कुछ करना पड़ता है

 

तुम कुछ कर सकते हो यह सुनकर पहले तो उस आदमी ने सोचा कि यह बाबा भी मुझसे दान दक्षिणा मांगेंगे लेकिन और कोई रास्ता ना पाकर उस आदमी ने कहा बाबा आपको जितना भी दान दक्षिणा चाहिए मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन आप का मंत्र सच्चा होना चाहिए वह पूरा होना चाहिए उसका फल मुझे मिलना चाहिए उसके बाद मैं आपको जो भी दान दक्षिणा लेना चाहते हो मैं आपको दे दूंगा बाबा ने कहा दान दक्षिणा तो बहुत छोटी चीज है मुझे वह नहीं चाहिए इस पर वो आदमी सोच विचार करके बोला तो बाबा मैं अंगारों पर भी चलने के लिए तैयार हूं आप मुझे बस आज्ञा दीजिए बाबा ने कहा कि अंगारों पर चलने वाली छोटी चीज में तुमसे नहीं कराने वाला हूं मैं जो तुमसे कराने वाला हूं वह बहुत कठिन मंत्र है उसे पूरा कर पाओगे उसने कहा बाबा आप मुझे बताइए तो सही मुझे करना क्या होगा मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं इस पर बाबा ने उसे कहा कि यहां से जब तुम अपने घर जाओ तो रास्ते में अपने मन में यह दोहराते जाना कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं बार-बार अपने मन में यही दोहराना और याद रहे जुबान पर यह नहीं आना चाहिए यह सिर्फ मन में दोहराना है यह सुन कर वो आदमी बोला बाबा बस इतनी सी बात यह तो मैं चुटकी बजाते कर लूंगा लेकिन इससे होगा क्या बाबा बोले कि इस मंत्र को करके तो देखो वैसे भी तुमने इतने बाबाओं के मंत्र किए हैं तो इस मंत्र को भी कर के देख लो उस आदमी ने सोचा कि बाबा कुछ दान दक्षिणा तो ले नहीं रहे हैं और छोटा सा मंत्र है इसे तो मैं कर ही लूंगा

 

वो बोला ठीक है बाबा मैं यह मंत्र जरूर करूंगा और वो आदमी यह कहकर वहां से चलने लगा लेकिन जैसे ही वह चलने लगा पीछे से बाबा ने बोला कि बच्चा एक बात याद रखना जब तुम यह मंत्र अपने मन में दोहराना तो तुम्हारे मन में बंदर के विचार नहीं आने चाहिए बंदर का ख्याल भी नहीं आना चाहिए तो ही यह मंत्र सिद्ध होगा आदमी बोला मुझे तो आज तक बंदर का कोई विचार नहीं आया तो अब क्यों आएगा आप चिंता मत करिए बाबा मैं बस मन में यही दोहराऊंगा कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं इसके अलावा बंदर का कोई भी विचार मेरे मन में नहीं आएगा यह कहकर वह आदमी वहां से चल देता है

 

वह अपने मन में मैं सुखी हूं मैं सुख ही हूं यह दोहराता हुआ थोड़ी दूर ही चला था कि उसके मन में अचानक बंदर का ख्याल आ गया बंदर का ख्याल एक बार आया और चला भी गया लेकिन उस आदमी ने सोचा आज तक तो मुझे बंदर का कोई भी विचार नहीं आया यह आज बंदर का विचार क्यों आ गया और ऐसे करके उसने उस बंदर के विचार को पकड़ लिया और यह भूल गया कि मुझे क्या मंत्र दोहराना है और वह बंदर के बारे में सोचने लगा जब थोड़ी देर बाद फिर से उसे होश आया तो वह फिर से अपना वही मंत्र दोहराने लगा जो बाबा ने उसे बताया था मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं लेकिन अचानक से उसे एक बंदर दिखाई दिया और यह देखकर फिर से उसके मन में बंदर का विचार उठ गया और यह देखकर वह इस विचार को बाहर फेंकना चाहता था

 

और वह चाहता था कि मेरे अंदर किसी तरह से बंदर का विचार ना आए लेकिन उसे तो सामने बंदर ही दिखाई दिया ऐसे ही जद्दोजहद करते करते घर पर पहुंचा और घर पर पहुंचने के बाद अपनी पत्नी को कहा कि हे बंदरिया मुझे खाने में बंदर परोस दो और जब उसे एहसास हुआ कि उसने क्या बोल दिया तो वह अपने बाल नोचने लगा और दीवारों में सर मारने लगा कि आज तक मुझे बंदर का कोई भी विचार नहीं आया और आज मुझे यह क्या हो गया है कि मुझे हर जगह बंदर ही बंदर नजर आ रहे हैं यह कैसी माया है यही सोच सोच कर वह आदमी रात भर सो नहीं पाया रात भर करवटें बदलते रहा और सुबह उठकर सीधे उसी बाबा के पास पहुंच गया और उसके चरणों में गिर कर कहा कि बाबा पता नहीं क्या चमत्कार हो रहा है

 

आज तक मुझे बंदर का कोई विचार नहीं आया लेकिन कल से जब से आप ने मुझसे कहा कि बंदर का विचार नहीं आना चाहिए तब से मुझे हर जगह बंदर ही बंदर नजर आ रहे हैं उस आदमी ने कहा कि बाबा मुझे तो आपके पीछे पेड़ पर बैठा बंदर केले खाते हुए दिखाई दे रहा है यह हो क्या रहा है बाबा, यह सुनकर बाबा हंसने लगे हा हा हा हा बच्चा मन का जाल एक ऐसा जाल है जिसे समझ पाना इतना आसान नहीं है बंदर तो तुम्हारे रास्ते में पहले भी आते थे जब तुम मेरे पास आए थे तो इन्हीं पेड़ों पर यह बंदर घूम रहे थे लेकिन तब तुम्हारे ध्यान में यह बंदर नहीं था तब तुम्हारे ध्यान में सिर्फ दुख थे इसके बाद बाबा ने उसे बताया कि बच्चा हम जिस चीज से भी दूर भागना चाहते हैं वही चीज हमारे मन में बहुत गहरे में प्रविष्ट हो जाती हैं

 

और हमारे अंतर्मन में समा जाती है असल में हम जिस चीज से छुटकारा पाना चाहते हैं उससे छुटकारा इसीलिए पाना चाहते हैं कि वह हमारे साथ बहुत गहरे से जुड़ी हुई है और हम जितना ही उससे छुटकारा पाना चाहते हैं वह उतनी ही गहरी हमारे मन में बैठती चली जाती है और आखिरकार हमारे अंतर्मन में छा जाती है ऊपर से तो हम चाहते हैं सुखी होना कि मैं सुखी हूं सुखी हूं हमारे होंठ भी यही बोलते रहते हैं लेकिन हमारे मन में दुख समाए होते हैं हमारे विचारों में हमारे मन में दुख ही दुख दिखाई देते हैं इसीलिए अपनी जुबान से बार-बार यह बोलने से कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं हम सुखी नहीं होंगे जब तक यह मंत्र हमारे अंतर्मन में प्रविष्ट नहीं होगा

 

इस पर उस आदमी ने पूछा कि बाबा लेकिन यह मंत्र हमारे अंतर्मन में प्रविष्ट कैसे होगा यह सुनकर बाबा ने कहा कि बच्चा अपने दुखों से लड़ना बंद कर दो जब तक तुम अपने दुखों को दूर करने की सोचते रहोगे तब तक वो दुख तुमसे चिपके रहेंगे तब तक वो दुख तुम्हारे अंतर्मन पर अपना राज बनाए बैठे रहेंगे और जिस दिन तुम उन दुखों के बारे में सोचना ही छोड़ दोगे उन दुखों से छुटकारा ही नहीं पाना चाहोगे उसी दिन से तुम्हारे जिंदगी से दुख गायब हो जाएंगे क्योंकि किसी भी चीज से छुटकारा पाने के लिए हमें उस चीज के बारे में सोचना पड़ता है और हम जितना ही उस चीज के बारे में सोचते हैं वह उतनी ही गहरी हमारे मन में प्रविष्ट होती चली जाती हैं

 

निष्कर्ष /Conclusion

हम अधिकतर समय दुखों के बारे में ही सोचते हैं हम यही सोचते हैं कि हमारे जीवन में दुख है और हमें इस से छुटकारा पाना है इसी वजह से बार-बार सोचने से वो दुख हमारे अंतर्मन में प्रविष्ट हो जाते हैं और हमें एहसास भी नहीं होता इसीलिए अगर तुम दुखों से छुटकारा पाना चाहते हो तो दुखों से छुटकारा पाने के बारे में सोचना छोड़ दो तुम्हें दुखों से छुटकारा मिल जाएगा अक्सर आदमी धूम्रपान छोड़ना चाहता है शराब छोड़ना चाहता है सुबह अपने आपसे यह वादा करता है कि मैं कोई भी गलत काम नहीं करूंगा लेकिन शाम को जब लौटता है तो नशे में चूर होकर लौटता है ऐसा क्यों होता है जो हम सोच रहे हैं वह पूरा कर ही नहीं पा रहे हैं असल में हम उस चीज को बहुत ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं उस चीज को बहुत ज्यादा अहमियत दे रहे हैं जब भी हम उस चीज को छोड़ने के बारे में सोचते हैं तो हम उसकी इंपोर्टेंस/Importance यानी की विशेषता और ज्यादा बढ़ा देते हैं हमारा मन उस चीज के बारे में जितना ज्यादा सोचेगा शराब या धूम्रपान छोड़ने के बारे में जितना ज्यादा सोचेगा हमारा मन उतना ही उस चीज के पीछे ज्यादा भागेगा हमें उस चीज से लड़ना नहीं है बल्कि बिना सोचे गुजर जाना है और अगर हम इस मंत्र को समझ लेते हैं तो हम अपने जीवन में जो भी पाना चाहते हैं उसे अपने अंतर्मन में डाल सकते हैं और एक बार वो लक्ष्य हमारे अंतर्मन में बैठ जाता है तो फिर सफलता पाने में कोई समस्या नहीं आती कोई दिक्कत नहीं आती तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह कहानी

 

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